लखनऊ। भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि निष्पक्षता और ईमानदारी की कसौटी पर जो खरा नहीं उतरेगा, उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने बुधवार को जिलों के अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं।
अफसरों से स्पष्ट शब्दों में कहा, निष्पक्षता और ईमानदारी मेरे प्रिय विषय हैं। इनकी अनदेखी व्यक्तिगत रूप से भारी पड़ेगी। डीजीपी ने कहा कि पुलिस का व्यवहार आमजन के साथ अच्छा होना चाहिए। एसएचओ स्तर पर शिकायतों के निस्तारण में गंभीरता की कमी अक्सर देखने को मिलती है। इसमें सुधार की जरूरत है। इसके अलावा सीयूजी नंबर न उठाना और पीड़ित के साथ ठीक से बर्ताव न करना क्षम्य नहीं होगा।
कानून-व्यवस्था और अपराध दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। कई बार पुलिस द्वारा स्थिति को सही ढंग से हैंडल न करने की वजह से कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है। कई बार विवेचना में व्यावसायिक दक्षता के अभाव के कारण अपराधियों को लाभ मिल जाता है। ऐसे में आरोपी को चार्जशीट देने से पहले जिलों के कप्तान को अपने स्तर पर देखना होगा कि विवेचक ने पर्याप्त सुबूत एकत्र किए हैं या नहीं। जिलों में 20-25 गंभीर मामले होते हैं जिनकी मॉनिटरिंग एसपी को खुद करनी होगी।