सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विरोध करना मौलिक अधिकार लेकिन सड़कों का अवरुद्ध होना, हमें परेशान कर रहा

  नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट में सीएए और एनआरसी के खिलाफ नई दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को लेकर दायर की गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह नहीं कहा जा रहा है कि लोगों को कानून के खिलाफ विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि विरोध करना कहां है?


शीर्ष अदालत ने कहा, “हमारी चिंता यह है कि अगर लोग सड़कों पर उतरने लगेंगे और विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क को अवरुद्ध कर देंगे, तो क्या होगा। एक संतुलन बना रहना चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि समझौते से मामला नहीं सुलझता है तो प्रशासन अपने तरीके से काम कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है, लेकिन इसकी भी अपनी एक सीमा होती है।