सोनभद्रः खनिज संपदा के लिए पूरे देश में विख्यात उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला काफी ज्यादा चर्चा में है. वजह है सोने की खान. सोने के अपार भंडार मिलने के बाद यह पूरी दुनिया की निगाह में आ गया है. यह काम एकाएक नहीं हुआ है, बल्कि इसकी खोज और पुख्ता करने में वैज्ञानिकों की टीम को 40 साल का लंबा वक्त लग गया.
सरकारी अभिलेखों के अनुसार सोनभद्र में सबसे पहले सोने की खोज 1980 के दशक में हुआ था. सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पडरक्ष के हर्दी पहाड़ी में वर्षों पहले सोना मिलने की पुष्टि संबंधित अधिकारियों ने अब की है. जिस पहाड़ी में सोना पत्थर मिलने की पुष्टि हुई है, उसके सीमांकन के लिए गुरुवार को अधिकारियों की टीम नौ सदस्यीय टीम जंगल में पहुंची और सीमांकन की प्रक्रिया शुरू किए जाने को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से बात की.
इसके अलावा भी क्षेत्र के पहाड़ियों में तमाम कीमती खनिज संपदा होने की बात भी चर्चा में है. वहीं क्षेत्र के आसपास की पहाड़ियों में लगातार 15 दिनों से हेलीकॉप्टर द्वारा हवाई सर्वे भी किया जा रहा है. बताया जा रहा हवाई सर्वे के माध्यम से यूरेनियम होने का भी पता लगाया जा रहा है. इसकी प्रबल संभावना बताई जा रही है.
हर्दी पहाड़ी में सोना होने को लेकर पिछले 20 वर्षों से भूतत्व व खनिकर्म विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी टेंट तंबू लगाकर डेरा जमाए हुए हैं. उधर, सोन पहाड़ी में भी टीम सर्वे में जुटी है. बताया जा रहा है कि सोन पहाड़ी में 2943.26 टन और हल्दी ब्लॉक में 646.15 किलो सोना है.