कोलम्बो। श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गठित संसदीय समिति ने तत्काल प्रभाव से बुर्का पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की है। समिति ने धार्मिक और जातीय आधार पर राजनीतिक पार्टियों के पंजीकरण भी रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया है। समिति की तरफ से यह फैसला ईस्टर आतंकी हमले के मद्देनजर उठाया गया है। गौरतलब हो कि इस आतंकी हमले में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
समाचार पत्र 'डेली मिरर' के अनुसार विशेष रिपोर्ट के तौर पर गुरुवार को संसद में पेश किए गए प्रस्ताव में ईस्टर हमलों के बाद 14 विवादास्पद मुद्दों के हल करने की बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार कई देश पहले ही बुर्के पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।
इसमें सुझाव दिया गया है कि पुलिस के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वह सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को पहचानने के लिए उसे चेहरा दिखाने के लिए कह सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वह व्यक्ति पुलिस के अनुरोध पर अमल नहीं करता तो उसे बिना वारंट गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
प्रस्ताव में देश के चुनाव आयोग से जाति और धर्म पर आधार राजनीतिक दलों के पंजीकरण को निलंबित करने के लिए एक कानून बनाने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मदरसों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को तीन साल के भीतर शिक्षा मंत्रालय के तहत सामान्य स्कूल प्रणाली में भेजा जाना चाहिए।
रिपोर्ट में मदरसों को मुस्लिम धार्मिक एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग के तहत विनियमित करने के लिए एक विशेष समिति गठित करने का भी प्रस्ताव है।
गौरतलब है स्थानीय आतंकवादी समूह नेशनल तौहीद जमात के नौ आत्मघाती हमलावरों ने ईस्टर संडे पर तीन गिरजाघरों और तीन आलीशान होटलों को निशाना बनाया था, जिसमें 11 भारतीयों समेत 258 लोगों की मौत हो गई थी।