शरजील के समर्थन में नारे लगाने वाली उर्वशी हुई अंडरग्राउंड, फोन ऑफ, फेसबुक पेज भी हटाया - देशद्रोह का केस दर्ज

मुंबई: देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्र शरजील इमाम  के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान में रैली करने वाली टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की छात्र उर्वशी चूड़ावाला लापता है. पुलिस उर्वशी को ढूंढने में जुटी लेकिन अभी तक उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है. उवर्शी का मोबाइल भी स्वीच ऑफ आ रहा है. बता दें कि उर्वशी के खिलाफ भी मुंबई पुलिस ने देशद्रोह को केस दर्ज किया है. उर्वशी चूड़ावाला पिछले 2 दिन से लापता है.


उर्वशी ने अपना फेसबुक पेज हटा दिया है, जिसमे इसने शरजील इमाम के समर्थन में कई पोस्ट्स डाली थी. उर्वशी के माता-पिता को आज अपना बयां दर्ज करने के लिए आजाद मैदान पुलिस स्टेशन बुलाया जा सकता है. 


बता दें कि 1 फरवरी को  के समर्थन में नारे लगाने वाले लोगों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है. उर्वशी चूड़ावाला समेत दूसरे लोगों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. एक्टिविस्ट उर्वशी और 50 अन्य के खिलाफ आईपीसी सेक्शन 124A (देशद्रोह), 153बी, 505, 34 के तहत आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई.


शनिवार (1 फरवरी) को मुंबई के आजाद मैदान में 'मुंबई प्राइड सॉलिडैरिटी गैदरिंग 2020' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी की. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग हाथों में प्लैकार्ड और बैनर लेकर नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं.उर्वशी चूड़ावाला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) में मीडिया और संस्कृति में एमए सेकंड ईयर की स्टूडेंट हैं. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एक ठोस केस बनाया है. मामला दर्ज करने से पहले उर्वशी चूड़ावाला के सोशल मीडिया पोस्ट की बारीकी से पड़ताल की गई.पुलिस के अनुसार, उर्वशी चूडावाला को मामले की प्रारंभिक जांच के लिए दो बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आई.


मुंबई में आयोजित सीएए विरोधी रैली में 'फ्री कश्मीर' पोस्टर के बाद यह दूसरा मामला है, जिसमें प्रदर्शनकारियों को भारत विरोधी बयान देते पाया गया.


मुंबई पुलिस ने कहा कि LGBTQ इवेंट के आयोजक मामले के आरोपी नहीं हैं. यह उन लोगों का एक समूह था, जिन्होंने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया और इस तरह के नारे लगाए.