शाहीन बाग : वार्ताकारों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं से कहा- अपने दिल-दिमाग से सोच कर लें फैसला

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन चौथी बार शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे. दोनों वार्ताकारों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं से बातचीत की. ये बातचीत करीब डेढ़ घंटे चली लेकिन चौथे दिन भी कोई फैसला नहीं हुआ. सारी बातचीत मीडिया की मौजूदगी में हुई. ‌

बातचीत की शुरुआत में वकील संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को समझाया कि प्रदर्शन करना आपका अधिकार है लेकिन आपके अधिकार के चलते किसी और का अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए. इसीलिए लोगों को दिक्कत ना हो यह सड़क खोल देनी चाहिए और प्रदर्शन किसी और जगह पर होना चाहिए.

शाहीन बाग में 69 दिनों से प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने साफ कहा की वो तब तक यहां से नहीं हटेंगे जब सरकार सीएए को वापस नहीं लेती।

प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने चौथे दिन अपनी बात रखते हुए साफ कहा कि वह अपनी जिन मांगों को लेकर यहां बैठी हैं वह उन पर समाधान चाहती हैं. वहीं वार्ताकारों ने उन्हें साफ कहा कि वह सरकार की तरफ से नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आए हैं और इस सड़क को खुलवाने के लिए कोई हल निकालने आए हैं.

वार्ताकारों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं से कहा कि क्या कोई और जगह हो सकती है जहां यह प्रदर्शन जारी रहे. इस पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने साफ कर दिया कि वह तब तक यहां से नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांग नहीं सुनी जाती. वहीं सड़क के दूसरे हिस्से को खोलने की बात जब वार्ताकारों ने इन महिला प्रदर्शनकारियों से कही तो उन्होंने कहा कि यह सड़क उन्होंने नहीं बल्कि पुलिस ने बंद की है और अब अपनी सुरक्षा के लिए वह इसे बंद करके रख रही हैं. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि यह उनकी सुरक्षा के लिए है.

 

चौथे दिन की यह बातचीत काफी लंबी रही कई सारी महिलाओं को दोनों वार्ताकारों ने सुना और उनसे अपनी बात भी रखी. जहां संजय हेगड़े ने यह साफ कहा कि "हम कोर्ट को आपकी सारी बात बताएंगे लेकिन कोर्ट भी जानना चाहेगा कि आखिर आपका फैसला क्या है."

 

वही जाते हुए वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने महिलाओं से कहा कि " आप लोग अपना फैसला अपने दिल और दिमाग से सोच कर लें रात भर सोचें और अपना फैसला अपने आप के लिए खुद लें. किसी और को अपना फैसला ना लेने दें आप अपने बारे में और अपने बच्चों के बारे में सोचें और फिर फैसला ले."