कानपुर। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा भड़काने के आरोप में यूपी पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
पांच को कानपुर और तीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी प्रदर्शनों के लिए महीनों से फंड मुहैया करवा रहे थे। शुक्रवार को गंगा यात्रा में सीएम के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए भीड़ जुटाने की तैयारी में थे। इसके पहले ही इन्हें बृहस्पतिवार रात बेगमपुरवा में बैठक करते हुए गिरफ्तार किया गया।
कानपुर में इंस्पेक्टर राजीव सिंह ने बताया, गिरफ्तार लोगों में रामबाग कॉलोनी निवासी मोहम्मद उमर, फहीमाबाद निवासी सैयद अब्दुल हाशमी, कुली बाजार निवासी फैजान मुमताज, अनवरगंज निवासी मोहम्मद वासिफ और सरवर आलम हैं।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया, 20 दिसंबर को बाबूपुरवा और यतीमखाना में हुई हिंसा इनका हाथ था। इनका नेतृत्व वसीम कर रहा था, जो हिंसा के कुछ दिन बाद लखनऊ में गिरफ्तार किया गया।
वहीं, लखनऊ से गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शकीलुर रहमान, शबी खान और मोहम्मद अरशद के रूप में हुई है। इन्होंने 19 दिसंबर को प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिंसा भड़काई। उपद्रवियों ने मदेयगंज चौकी जला दी थी। एडीसीपी उत्तरी राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, पुलिस ने 11 नामजद व 200 अज्ञात लोगाें के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
आईएसआई भेज रही थी फंड
पुलिस के अनुसार पीएफआई के बड़े नेता कर्नाटक और तमिलनाडु से फंड मुहैया करवा रहे थे। यह फंड सरहद पार से आईएसआई भेज रही थी। पांचों आरोपियों को फंड से भीड़ जुटाने और हिंसा के लिए सामान जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। आरोपियों ने अपने संगठन के कई और सदस्यों के नाम भी बताए हैं।