मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले अमेरिका द्वारा भारत को विकासशील सूची से हटा देने के फैसले की आलोचना की है. शिवसेना का कहना है कि यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है.
संपादकीय में लिखा है, 'विकासशील देश होने के नाते हिंदुस्तान को आज तक अपने उत्पादन और निर्यात के लिए अमेरिका से टैक्स में बड़ी छूट मिलती थी लेकिन अब हिंदुस्तान के अमेरिकी व्यापार को जबरदस्त झटका लगा है.'
संपादकीय में लिखा है, ' विश्व व्यापार संगठन के कंधे पर बंदूक रखकर अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि समिति (यूएसटीआर) ने विकासशील देशों की सूची से हिंदुस्तान का नाम अलग कर दिया है. इसे हिंदुस्तान के लिए बड़ा आर्थिक झटका कहा जा सकता है. विकासशील देश होने के नाते हिंदुस्तान को आज तक अपने उत्पादन और निर्यात के लिए अमेरिका से टैक्स में बड़ी छूट मिलती थी.'
इसमें कहा गया है, 'विकासशील देशों को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) व्यापार वृद्धि के लिए सब्सिडी या सहूलियत देता है. ये सहूलियतें ट्रंप के आंखों की किरकिरी बनी हुई थीं. इसीलिए हिंदुस्तान, चीन और दक्षिण कोरिया सहित कई देशों को विकासशील देशों की सूची से अमेरिका ने बाहर कर दिया है. इस कड़े निर्णय के लिए ट्रंप प्रशासन द्वारा हिंदुस्तान दौरे का मुहूर्त चुनना बड़ा धक्कादायक है.'
चुनाव जीतने के लिए अमेरिकियों के मन को जीतने का एकसूत्रीय कार्यक्रम ट्रंप ने चलाया हुआ है. इसीलिए अमेरिकन कंपनियों का नुकसान टालने के लिए हिंदुस्तानी उद्योगपतियों की कमर तोड़नेवाला फैसला उन्होंने लिया है. दाओस में आयोजित विश्व आर्थिक परिषद में भी ट्रंप ने कहा था कि अगर हिंदुस्तान और चीन विकासशील देश होंगे तो अमेरिका भी विकासशील देश ही है. ऐसा कहकर उन्होंने दुनिया को चौंका दिया.