नई दिल्ली: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की 19 फरवरी को होने वाली बैठक के लिए सभी ट्रस्टी दिल्ली पहुंच चुके हैं. 19 फरवरी शाम 5 बजे से ये बैठक वरिष्ठ वकील के परासरन के घर पर होगी. के परासरन का घर ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का रजिस्टर्ड पता है।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी परमानंद ने बताया ट्रस्ट की पहली बैठक के दौरान अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर का स्वरूप क्या होगा और इसका निर्माण का काम कब से शुरू किया जा सकता है जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा होगी. स्वामी परमानंद ने बताया की बैठक के दौरान हम चर्चा करेंगे की अयोध्या में जो पत्थर तराशे गए हैं राम मंदिर निर्माण में उन सभी पत्थरों का भी इस्तेमाल होना जरूरी है क्योंकि सालों से उन पत्थरों को पूजा जाता रहा है. भव्य राम मंदिर बनेगा तो वहां पर रामलला का भी मंदिर होगा और राजाराम का भी. स्वामी परमानंद ने कहा कि राम मंदिर ऐसा होना चाहिए जहां पर लोगों के रुकने की भी व्यवस्था के साथ ही खाना पीना भी निशुल्क हो.
रामनवमी के दिन से ही शुरू हो मंदिर का निर्माण कार्य- परमानंद
स्वामी परमानंद ने बैठक से पहले राम मंदिर निर्माण का काम किस तारीख से शुरू हो इसको लेकर भी अपना रुख साफ किया है. स्वामी परमानंद ने कहा कि मैं तो यही चाहूंगा कि राम मंदिर का निर्माण काम रामनवमी के दिन से ही शुरू हो क्योंकि वह एक पूजनीय दिन होता है और इससे बेहतर दिन क्या हो सकता है श्री राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण को शुरू करने का.
कार्यशाला में रखे मॉडल जैसा हो राम मंदिर लेकिन भव्यता उससे कहीं ज्यादा
रही बात की मंदिर का स्वरूप कैसा हो तो उसको लेकर भी स्वामी परमानंद ने अपनी इच्छा बताई है. स्वामी परमानंद ने कहा जो मॉडल अभी तक कार्यशाला में रखा है हम चाहेंगे मंदिर वैसा ही बने लेकिन उसका गुंबद और ज्यादा ऊंचा हो और मंदिर और ज्यादा भव्य हो.
आम सहमति बनने के बाद तय की जाएगी रूपरेखा- कामेश्वर चौपाल
स्वामी परमानंद के साथ ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के एक और ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कहां कि इस पहली बैठक के दौरान राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी. सभी ट्रस्टी अपना अपना पक्ष बाकी ट्रस्टी के सामने रखेंगे और उसके बाद आम सहमति बनाने के बाद आगे बढ़ा जाएगा.
सभी पहलुओं को देखने के बाद तय किया जाएगा कि क्या रामनवमी से शुरू हो सकता मंदिर निर्माण का काम
हालांकि कामेश्वर चौपाल ने रामनवमी के दिन से ही निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर चर्चा करने की बात तो जरूर की लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम ग्रह नक्षत्र और शुभ वक्त देख कर ही किया जाता है. रामनवमी वाले दिन से निर्माण कार्य शुरू होने के सवाल पर कामेश्वर चौपाल ने कहा कि वैसे तो रामनवमी एक बहुत ही शुभ दिन है, लेकिन रामनवमी वाले दिन अयोध्या में लाखों श्रद्धालु मौजूद होते हैं तो क्या ऐसे वक्त में राम मंदिर का निर्माण काम शुरू हो पाएगा, इसको लेकर हम को स्थानीय प्रशासन से भी चर्चा करनी होगी. स्थानीय प्रशासन से चर्चा करने और उनसे सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला किया जा सकेगा.
19 फरवरी को होनी है ट्रस्ट की पहली बैठक
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाने का फैसला किया था. इस ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी है और इस ट्रस्ट का रजिस्टर्ड पता सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और इस ट्रस्ट के पहले ट्रस्टी के परासरन के दिल्ली के घर का है जहां पर 19 फरवरी को इस ट्रस्ट की पहली बैठक होनी है.
रामनवमी के दिन से ही शुरू हो मंदिर का निर्माण कार्य- परमानंद
स्वामी परमानंद ने बैठक से पहले राम मंदिर निर्माण का काम किस तारीख से शुरू हो इसको लेकर भी अपना रुख साफ किया है. स्वामी परमानंद ने कहा कि मैं तो यही चाहूंगा कि राम मंदिर का निर्माण काम रामनवमी के दिन से ही शुरू हो क्योंकि वह एक पूजनीय दिन होता है और इससे बेहतर दिन क्या हो सकता है श्री राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण को शुरू करने का.
कार्यशाला में रखे मॉडल जैसा हो राम मंदिर लेकिन भव्यता उससे कहीं ज्यादा
रही बात की मंदिर का स्वरूप कैसा हो तो उसको लेकर भी स्वामी परमानंद ने अपनी इच्छा बताई है. स्वामी परमानंद ने कहा जो मॉडल अभी तक कार्यशाला में रखा है हम चाहेंगे मंदिर वैसा ही बने लेकिन उसका गुंबद और ज्यादा ऊंचा हो और मंदिर और ज्यादा भव्य हो.
आम सहमति बनने के बाद तय की जाएगी रूपरेखा- कामेश्वर चौपाल
स्वामी परमानंद के साथ ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के एक और ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कहां कि इस पहली बैठक के दौरान राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी. सभी ट्रस्टी अपना अपना पक्ष बाकी ट्रस्टी के सामने रखेंगे और उसके बाद आम सहमति बनाने के बाद आगे बढ़ा जाएगा.
सभी पहलुओं को देखने के बाद तय किया जाएगा कि क्या रामनवमी से शुरू हो सकता मंदिर निर्माण का काम
हालांकि कामेश्वर चौपाल ने रामनवमी के दिन से ही निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर चर्चा करने की बात तो जरूर की लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम ग्रह नक्षत्र और शुभ वक्त देख कर ही किया जाता है. रामनवमी वाले दिन से निर्माण कार्य शुरू होने के सवाल पर कामेश्वर चौपाल ने कहा कि वैसे तो रामनवमी एक बहुत ही शुभ दिन है, लेकिन रामनवमी वाले दिन अयोध्या में लाखों श्रद्धालु मौजूद होते हैं तो क्या ऐसे वक्त में राम मंदिर का निर्माण काम शुरू हो पाएगा, इसको लेकर हम को स्थानीय प्रशासन से भी चर्चा करनी होगी. स्थानीय प्रशासन से चर्चा करने और उनसे सलाह लेने के बाद ही कोई फैसला किया जा सकेगा.
19 फरवरी को होनी है ट्रस्ट की पहली बैठक
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाने का फैसला किया था. इस ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी है और इस ट्रस्ट का रजिस्टर्ड पता सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और इस ट्रस्ट के पहले ट्रस्टी के परासरन के दिल्ली के घर का है जहां पर 19 फरवरी को इस ट्रस्ट की पहली बैठक होनी है.