नई दिल्ली। पिछले एक दशक के दौरान सुरक्षाबलों पर यह एक सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा था. इस हमले के बाद से भारत सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि घाटी में जाने वाले अर्धसैनिक बलों के जवानों और अधिकारियों को हवाई सेवा के जरिए वहां भेजा जाए और एक साथ इतने सारे जवानों अधिकारियों का कारवां सड़क पर ना चलाया जाए।
अधिकारियों के मुताबिक इस मामले की जांच अभी भी जारी है. क्योंकि मामले का मुख्य गुनाहगार जैश मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद है और अपने आतंकी साजिश के ताने-बाने बुनता रहता है।
पुलवामा हमले की बरसी के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. क्योंकि खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस दौरान वहां बड़े पैमाने पर आतंकी हमले किए जा सकते हैं।