नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में दिल्ली के हुनर हाट गए थे और वहां लिट्टी चोखा का आनंद लिया था. अब पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में भी हुनर हाट छाया रहा. रेडियो पर प्रसारित अपने मन की बात कार्यक्रम में आज मोदी ने कहा कि हुनर हाट, शिल्पकारों के सपनों को पंख दे रहा है. उन्होंने कहा कि हुनर हाट ने शिल्पकारों की जिंदगी में व्यापक बदलाव किए हैं. पीएम मोदी ने बासठवें मन की बात कार्यक्रम में युवाओं को खेल से जुड़ने की सलाह दी. पीएम ने कहा कि जो फिट रहेगा वो हमेशा हिट रहेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले तीन साल में हुनर हाट से करीब तीन लाख कारीगरों को रोजगार के अवसर मिले हैं जिसमें महिलाओं की काफी संख्या है. प्रधानमंत्री ने कहा, ''हमारे देश की विशालता और विविधता को याद करना, नमन करना हर भारतीय को गर्व से भर देता है. इस विविधता के अवसर का अनुभव आनंद से भर देने वाला होता है. कुछ दिन पहले मैंने दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परंपराओं के दर्शन किए.'' उन्होंने कहा, ''हुनर हाट में मुझे कई कारीगरों और शिल्पकारों से मिलने का मौका मिला. हुनर हाट में भाग लेने वाले कारीगरों में करीब 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं. पिछले तीन साल में हुनर हाट से करीब तीन लाख कारीगरों को रोजगार के अनेक अवसर मिले हैं.'' हुनर हाट के अपने दौरे का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वहां एक दिव्यांग महिला की बातें सुनकर बड़ा संतोष हुआ.
पीएम ने प्रवासी पक्षियों का जिक्र किया
पीएम ने कहा, "भारत को जानने के लिए जब भी मौका मिले इस तरह के आयोजनों में जरूर जाना चाहिए, आप ना सिर्फ देश की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि आप देश के मेहनती कारीगरों की विशेषकर महिलाओं की समृद्धि में भी अपना योगदान दे सकेंगे." प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की जैविक विविधता और सर्दियों में हिन्दुस्तान आने वाले प्रवासी पक्षियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "भारत के वातावरण का आतिथ्य लेने के लिए दुनिया भर से अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी भी हर साल यहां आते हैं, गर्व की बात है कि तीन सालों तक भारत सीओपी कन्वेंशन की अध्यक्षता करेगा, इस अवसर को कैसे उपयोगी बनायें, इसके लिये आप अपने सुझाव जरूर भेजें."
मोदी ने कहा कि हाल ही में जीवविज्ञानियों ने मछली की एक ऐसी नई प्रजाति की खोज की है जो केवल मेघालय में गुफाओं के अंदर पाई जाती है, यह मछली ऐसी गहरी और अंधेरी भूमिगत गुफाओं में रहती है, जहां रोशनी भी शायद ही पहुंच पाती है, यह भारत की जैव-विविधता को एक नया आयाम देने वाला है. उन्होंने कहा कि ये एक सुखद बात है कि हमारा भारत और विशेष तौर पर मेघालय एक दुर्लभ प्रजाति का घर है, हमारे आस-पास ऐसे बहुत सारे अजूबे हैं जो अब भी अंजान हैं, इन अजूबों का पता लगाने के लिए खोजी जुनून जरूरी होता है.