मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा है. सामना को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर बीजेपी अपने वादे को निभाती तो सीएम की कुर्सी पर मैं नहीं होता बल्कि कोई दूसरा शिवसैनिक होता. सीएम ठाकरे ने कहा कि उन्होंने वचन निभाया होता तो क्या हुआ होता. ऐसा मैंने क्या बड़ा मांगा था? आसमान के चांद-तारे मांगे थे क्या? लोकसभा चुनाव से पहले जो हमारे बीच तय हुआ था उतना ही मांगा था.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बाला साहेब को दिए वचन को निभाने के लिए किसी भी स्तर तक जाने की तैयारी थी. उन्होंनेकहा , ''मुख्यमंत्री पद को स्वीकारना न ही मेरे लिए झटका था और न ही मेरा सपना था. अत्यंत ईमानदारी से मैं ये कबूल करता हूं कि मैं शिवसेनाप्रमुख का एक स्वप्न- फिर उसमें ‘सामना’ का योगदान होगा, शिवसेना का सफर होगा और मुझ तक सीमित कहें तो मैं मतलब स्वयं उद्धव द्वारा उनके पिता मतलब बालासाहेब को दिया गया वचन. इस वचनपूर्ति के लिए किसी भी स्तर तक जाने की मेरी तैयारी थी.''
उन्होंने कहा, ''उससे भी आगे जाकर एक बात मैं स्पष्ट करता हूं कि मेरा मुख्यमंत्री पद वचनपूर्ति नहीं बल्कि वचनपूर्ति की दिशा में उठाया गया एक कदम है. उस कदम को उस दिशा की ओर बढ़ाने के लिए मैंने मन से किसी भी स्तर तक जाने का तय किया था. अपने पिता को दिए गए वचन को पूरा करना ही है और मैं वो करूंगा ही.''
बीजेपी को झटका देने के सवाल पर ठाकरे ने कहा, ''मैंने पहले ही कहा था न कि इस क्षेत्र में झटका और धक्का-मुक्की आ गई है. धक्का-मुक्की ही हुई. महाराष्ट्र की राजनीति में इस तरह की धक्का-मुक्की कभी नहीं हुई थी? परंतु इसमें धक्का देना और मुक्की देना ये दोनों बातें आर्इं. धक्का किसने खाया और मुक्की किसको मिली?'