नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान की ओर से हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अपनी रक्षा तैयारियों को तेज कर दिया है। नौसेना की ताकत में इजाफा करने के लिए भारत छह परमाणु शक्ति चलित पनडुब्बियों को नौसेना में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। 1.2 लाख करोड़ के इस सौदे को जल्द ही सरकार की तरफ से मंजूरी दी जा सकती है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना के तहत नौसेना के लिए परमाणु शक्ति से संपन्न छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा जो पारंपरिक हथियारों जैसे तारपीडो और मिसाइलों से लैस होगी। अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि इन पनडुब्बियों से परमाणु मिसाइलें दागी जाएंगी या नहीं।
नौसेना डिजाइन निदेशालय को सहयोग देगा डीआरडीओ
सूत्रों के अनुसार, अगर सबकुछ पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार चलता रहा तो अगले 10 सालों में ये पनडुब्बियां भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएंगी। इस परियोजना के प्रारंभिक डिजाइन वाले चरण को सफलतापूर्वक पूर्ण किया जा चुका है। डीआरडीओ के सहयोग से नौसेना डिजाइन निदेशालय अब इन पनडुब्बियों की जटिल और विस्तृत डिजाइन को तैयार करने की तैयारी कर रहा है।
2015 में मोदी सरकार ने इस परियोजना को दी थी मंजूरी
साल 2015 में मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के लिए लंबित परियोजना को आगे बढ़ाते हुए छह परमाणु शक्ति चलित अटैक पनडुब्बियों (एसएसएन) के निर्माण को मंजूरी दी थी। इन पनडुब्बियों को विशाखापत्तनम में शिप बिल्डिंग सेंटर में बनाया जाएगा। हालांकि यहां पहले से ही अरिहंत श्रेणी की एक अन्य पनडुब्बी का निर्माण किया जा रहा है।