दिल्ली चुनाव के लिए प्रचार थमा, 1,47,86,382 मतदाता तय करेंगे 672 उम्मीदवारों की किस्मत

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर मतदान से 38 घंटे पहले प्रचार अभियान थम गया है. 8 फरवरी को दिल्ली के 1,47,86,382 मतदाता चुनाव मैदान में मौजूद कुल 672 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान के लिए 13750 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. मतदान के लिए 2688 मतदान स्थलों पर बने 13750 मतदान केन्द्रों पर 20385 ईवीएम मशीनों की मदद से मतदान होगा. दिल्ली में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है. वहीं 15 साल तक राज्य की सत्ता में रही कांग्रेस भी अपनी खोई जमीन वापस हासिल करने की कोशिशों में लगी है. आम आदमी पार्टी ने 70, बीजेपी ने 67 और कांग्रेस ने 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.


आप-बीजेपी में मुख्य टक्कर


बीजेपी और कांग्रेस सहित छह राष्ट्रीय दलों के अलावा आप एवं अन्य पंजीकृत राज्यस्तरीय पार्टियों के कुल 672 उम्मीदवार (593 पुरुष और 79 महिला) चुनाव मैदान में हैं. इनमें 148 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं. राष्ट्रीय दलों में बीजेपी ने 67 और कांग्रेस ने 66, बसपा ने 68, सीपीआई, सीपीएम ने तीन तीन और एनसीपी ने पांच सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं. राज्य स्तरीय पंजीकृत दलों में आप ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं अन्य पंजीकृत राज्यस्तरीय दलों के 243 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. सर्वाधिक 28 उम्मीदवार नई दिल्ली विधानसभा सीट से और सबसे कम चार उम्मीदवार पटेल नगर विधानसभा सीट पर हैं. नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं.


बल्लीमारान सबसे छोटी विधानसभा


क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र बल्लीमारान है. जबकि क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र नरेला है. सबसे कम मतदाताओं वाला विधानसभा क्षेत्र चांदनी चौक (1,25,684 मतदाता) है. सर्वाधिक मतदाताओं वाला क्षेत्र मटियाला (423682 मतदाता) है.


प्रचार अभियान में आगे रहे AAP-बीजेपी


चुनाव प्रचार अभियान में आम आदमी पार्टी की कमान सीएम केजरीवाल ने संभाल रखी थी. वहीं केजरीवाल को चुनौती देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने आखिरी वक्त में मोर्चा संभाला और लगातार 13 दिन तक प्रचार अभियान में हिस्सा लिया. हालांकि केजरीवाल प्रचार के दौरान सबसे आगे रहे और उन्होंने 68 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर पार्टी उम्मीदवारों के लिए कैंपेन किया. वहीं अमित शाह ने 13 दिन में 47 चुनावी सभाएं की जिनमें 35 रैलियां और 9 रोड शो शामिल रहे. पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आखिरी दौर के चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया


प्रचार में छाए रहे ये मुद्दे 


करीब एक महीने तक चले प्रचार अभियान में शाहीन बाग का धरना, जामिया में हिंसा, फ्री की चुनावी घोषणाएं, सीएम का चेहरा, देशभक्त Vs टुकड़े-टुकड़े गैंग, केजरीवाल का 5 साल की काम, सीएए और राम मंदिर, दिल्ली का प्रदूषण, अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियां, पूर्वांचल के वोटर मुख्य मुद्दे रहे.