नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में छोटे और मझोले उद्योगों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने एमएसएमई इकाइयों के लिए कंप्लायंस का बोझ घटाने के उपाय करते हुए ऑडिट के लिए इनके टर्नओवर की सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ा कर पांच करोड़ कर दिया है। साथ ही एमएसएमई इकाइयों के लिए सबोर्डिनेट कर्ज की एक स्कीम शुरू करने की घोषणा भी की गई है। घरेलू मोर्चे पर सफल मझोली इकाइयों को विदेशी बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद भी की जाएगी।