अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के संपूर्ण चौरासी कोस का कण-कण भगवान श्रीराम और तपस्वी संतों के पदचिन्हों से पूजित है। चौरासी कोसी परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु भक्तों को भगवान की चरण धूल प्राप्त हो रही है। अयोध्या के पवित्र आंदोलन में चौरासी कोस में निवास करने वाले श्रीराम भक्तों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा की सांस्कृतिक सीमा को समाज में स्थापित करना है। परिक्रमा के दौरान 84 कोस के दोनों तरफ जितने गांव हैं उनसे संपर्क किया जाएगा। करीब 300 गांवों में संपर्क अभियान चलाया जाना है। परिक्रमा मार्ग के गांवों में जनसुविधा हो, मार्ग पर सुविधा हो इसके लिए हमारा प्रयास है, सरकार से वार्ता चल रही है। चंपत राय ने ये बातें कारसेवकपुरम में चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के पड़ाव प्रमुखों की बैठक में कहीं।
उन्होंने कहा भगवान श्रीराम सामाजिक समन्वय के प्रतीक हैं। जो स्वप्न हमारे पूर्वजों ने देखा वह साकार रूप धारण कर चुका है। भगवान श्रीराम ने हम सभी को अपनी कृपा से अभिसिंचित किया है जिसे वर्तमान पीढ़ी पूर्ण कर रही है।