अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जल्द ही विराजमान रामलला के विधिवत दर्शन पूजन के साथ नई समय सारिणी की घोषणा कर सकता है। साथ ही भक्तों के लिए पर्याप्त जनसुविधाएं विकसित होंगी। राममंदिर निर्माण शुरू होने से पहले रामलला को ऐसी जगह शिफ्ट किया जाएगा, जहां से आम भक्तों को अनवरत दर्शन पूजन में कोई दिक्कत न हो। ट्रस्टी बोर्ड के गठन के बाद शासन-प्रशासन इन सभी बिंदुओं पर रणनीति तय करेगा।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पांच फरवरी को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन करके इसके ट्रस्टियों को अधिगृहीत परिसर समेत रामलला की सभी संपत्तियां सौंप चुका है। अब 15 सदस्यीय इस नए ट्रस्ट को रामलला के दर्शन पूजन से लेकर राममंदिर के भव्य निर्माण की दिशा तय करनी है।
सूत्र बताते हैं कि नए ट्रस्ट की प्रयागराज में अगले सप्ताह बैठक हो सकती है। इसके बाद रामलला के दर्शन की अवधि से लेकर विधिवत पूजन की व्यवस्था और राममंदिर निर्माण की शुरुआत कब करनी है, इसकी रणनीति तय होगी। अभी तक रामलला के दर्शन की अवधि जिला प्रशासन तय करता था। सुरक्षा कारणों से दर्शन की अवधि काफी कम थी जिससे तमाम भक्तों को दर्शन किए बगैर लौटना पड़ता था। लेकिन नया ट्रस्ट अन्य मंदिरों की तरह दर्शन की अवधि में बदलाव करेगा। साथ ही रामलला की पांच बार होने वाली आरती से भी भक्तों को जोड़ने का इंतजाम करेगा।
यहां जनसुविधाएं नहीं होने से लोगों को बगैर जूते-चप्पल उतारे गर्भगृह से काफी दूर खड़े होकर रामलला के दर्शन करने पड़ते थे। चढ़ावे के रूप में सिर्फ रामदाना, मिश्री ले जाने की अनुमति थी। जबकि अयोध्या के अन्य मंदिरों में भक्त अपने मनमुताबिक प्रसाद के साथ फूल-मालाएं चढ़ाते हैं। वहां मंदिर से बाहर जूते-चप्पल उतारने की व्यवस्था के साथ पेयजल, प्रसाधन आदि के पर्याप्त इंतजाम रहते हैं। सुबह से लेकर शयन आरती तक भक्त शामिल होकर पुण्य के भागी बनते हैं।