लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई जारी है। पिछले 20 दिनों के भीतर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर इंजीनियरों, कोषाधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री ने बस्ती में हवा में सड़क बनाने वाले एक्सईएन, दायित्वों का ठीक से निर्वहन न करने के आरोप में पीटीएस मेरठ के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक, मिर्जापुर में तैनाती के दौरान अनियमितता के आरोपी अमेठी के जिला विकास अधिकारी और राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय इसौली सुल्तानपुर से लंबे समय से बिना सूचना गायब चिकित्साधिकारी को बर्खास्त कर दिया।
बदायूं में कोषागार में गबन के आरोपी तीन वरिष्ठ कोषाधिकारियों व 10 तहसीलदारों को निलंबित कराया तो बाराबंकी में किसानों का बीमा क्लेम न देने के लिए बीमा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।
शहीद के परिजनों की मदद के लिए जुटाए गए पैसे के दुरुपयोग में आगरा के जिला विकास अधिकारी तथा कानपुर में तैनाती के दौरान कारोबारी को धमकाने में मिर्जापुर के असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर को सस्पेंड कर दिया गया।
कानपुर के केस्को में भ्रष्टाचार के आरोपी अधिशासी अभियंता व लिपिक के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दी तो नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज के पूर्व कुलपति सहित तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर की मंजूरी दी।