🍁 *विचार संजीवनी* 🍁
एक खास बात है कि सब अच्छे काम भगवान की कृपा से होते हैं। अच्छी बात मिलती है तो वह भी भगवान की कृपा से, अच्छे पुरुष मिलते हैं तो वह भी भगवान की कृपा से, अच्छी बुद्धि पैदा होती है तो वह भी भगवान की कृपा से, पारमार्थिक रुचि होती है तो वह भी भगवान की कृपा से, अच्छे के लिए परिवर्तन होता है तो वह भी भगवान की कृपा से ! सभी अच्छी बातों के मूल में परमात्मा ही हैं और सभी खराब बातों के मूल में हमारी कुबुद्धि, संसार की आसक्ति ही है। इसलिए हमारे को कोई अच्छी बात मिले, अच्छी सद्बुद्धि पैदा हो, अच्छे संत-महात्मा मिले, अच्छा संग मिले तो यह सब भगवान की कृपा है । भगवान की कृपा को स्वीकार करने से सब काम अपने आप ठीक होते हैं। भगवान की कृपा की तरफ दृष्टि भी भगवान की कृपा से ही होती है! इसलिए मेरा सब को कहना है कि आप केवल भगवान की कृपा को माने, किसी व्यक्ति को नहीं । व्यक्ति का संयोग भी भगवान की कृपा से ही होता है। मनुष्य शरीर भी भगवान कृपा करके देते हैं।
*भगवान की कृपा बिना हेतु होती है । जो हेतु से होती है, वह कृपा नहीं होती, उसमें पुण्य कारण होता है। हमारे किसी पुण्य से कृपा नहीं होती।* जो पुण्य से हो, उसमें कृपा क्या हुई ? इसलिए मनुष्य शरीर में जो भी अच्छी बात होगी, कृपा से ही होगी, अपने पुरुषार्थ से नहीं।
राम ! राम !! राम !!!
परम् श्रद्धेय स्वामी जी श्रीरामसुखदास जी महाराज
*परमप्रभु अपने ही महुँ पायो*, पृ. सं ७४