ताजा नाश्ता करना न भूलें
आज के व्यस्त जीवन में लोगों द्वारा खानपान के मामले में बरती जा रही लापरवाहियों से दिन-प्रतिदिन बीमारियों की वृद्धि हो रही है। घर पर बने शुद्ध एवं ताजे भोजन को छोड़कर बाजारू फास्ट-फूड आदि खाना तो मानो फैशन ही बन गया है। यह बात दिखने में तो बहुत छोटी लगती है परंतु इसके परिणाम बहुत बड़े होते हैं।
कनाडा के टोरंटो यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में पाया गया किः "नाश्ते के प्रति लापरवाह रहने वाले युवाओं की अपेक्षा नाश्ते के प्रति सजग रहने वाले बुजुर्गों की स्मरणशक्ति अच्छी थी।मैदा आंतों के लिए हानिकारक है फिर कई घंटों पहले मैदे तथा पाचनतंत्र के लिए हानिकारक पदार्थों से बनी डबलरोटी व ब्रेड स्वास्थ्यप्रद कैसे हो सकती है ? डबलरोटी, पीजा, बर्गर, कॉफी, चाय एवं तली हुई बाजारू चीजों की अपेक्षा गरम-गरम रोटी, दूध अथवा ताजे फलों का सेवन करें। फैशनवाले नाश्ते हानि होती है जबकि घर में बना हुआ सात्त्विक नाश्ता लाभदायक होता है। ऐसे बाजारू नाश्ते का सेवन करने वाले 63 प्रतिशत अमेरिकी लोग अनिद्रा के शिकार हैं। इस प्रकार के फास्ट फूड आगे चलकर स्मृति व स्वास्थ्य को ले डूबते हैं।
अतः सावधान ! काल शक्ति