शहर में जाम और कानून व्यवस्था को लेकर समस्या पैदा करने वाले टोल से व्यवसायिक वाहन चालकों को राहत मिल गई है। बुधवार रात 12 बजे से दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड से टोल (वाहन प्रवेश शुल्क) पूरी तरह से खत्म कर दिया गया। अब छावनी परिषद केवल आठ जगह से टोल वसूली करेगा। कैंट बोर्ड की विशेष बैठक में यह निर्णय हुआ।
बुधवार को टोल को लेकर छावनी परिषद में शाम चार बजे बैठक हुई। बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अनमोल सूद की अध्यक्षता में हुई बैठक में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल सहित बोर्ड के सदस्यों ने एक स्वर में तीन जगह के टोल को खत्म करने की बात की। एडीएम सिटी अजय तिवारी ने कहा कि तीन जगह के टोल से कानून व्यवस्था बिगड़ी और जाम की समस्या बढ़ी है। कैंट विधायक ने हाई कोर्ट में कैंट बोर्ड की पैरवी करने वाले अधिवक्ता पर सवाल उठाया। कहा कि ऐसे अधिवक्ता का पैनल बदलना चाहिए, जिसकी लापरवाही से ठेकेदार ने कोर्ट को गलत जानकारी देकर स्टे लिया। उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी ने कहा कि कैंट बोर्ड को अधिकार है कि वह जब चाहे अपने टेंडर की प्रक्रिया में बदलाव कर सकता है, या फिर रद कर सकता है। सांसद ने कहा कि शहर में तीन जगह टोल वसूली से सबसे अधिक समस्या है, इसे खत्म किया जाना चाहिए। सदस्य बीना वाधवा, अनिल जैन, मंजू गोयल, धर्मेद्र सोनकर, नीरज राठौर ने भी इन तीन जगहों से टोल हटाने को सही ठहराया। बोर्ड में सभी कानूनी पहलुओं पर चर्चा करने के बाद बुधवार की रात से दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड के टोल को हमेशा के लिए खत्म कर दिया गया। साथ ही शेष आठ जगह पर टोल वसूली के लिए ठेकेदार को पंद्रह दिन के भीतर आधारभूत ढांचा सही करने को कहा गया। सीईओ प्रसाद चव्हाण ने बोर्ड के निर्णय के बाद ठेकेदार को तीन जगह से टोल खत्म करने का पत्र जारी कर दिया। साथ ही प्रशासन को भी पत्र लिखा गया है।