सफेद दाग का घरेलू इलाज
1. चुना गेहूं के दाने के बराबर दही,छाछ,जूस या,पानी में
2.तांबे के बर्तन का रखा पानी
3.सुबह की लार से मालिश
4.तुलसी के रस से मालिश
5.बथुआ की सब्जी खाये
इसके पानी से धोये
6.मूली के बीज को सिरके में पेस्ट बनाकर लगाए
7.चने को त्रिफला चूर्ण में 125 ग्राम पानी मे 24 घंटे रखे व उसे चबा चबा कर खाएं
8.लाल मिट्टी और अदरक का पेस्ट लगाए
9.काली मिर्च का सेवन करे
10. लहसन के रस में हरड़ को पीस कर लगाए
व लहसन का सेवन करे
11. निम का तेल लगाएं
निम के चूर्ण की फंकी ले
निम का दातुन करे व लार को पी जाएं
12.आधा किलो हल्दी 8 लीटर पानी मे उबले जब पानी आधा रह जाये तो आधा किलो सरसो तेल को धीमी आंच पर पकाएं जब पानी जल जाए सिर्फ तेल बचे तो उसे कांच के बर्तन में रखे व नियमित रूप से मालिश करे
13.पानी मे भीगी उड़द की दाल का पेस्ट लगाए
*सफेद दाग या विटिलिगों का इलाज है संभव है*
सफेद दाग, यानी विटिलाइगो (vitiligo) को लेकर तरह-तरह के भ्रम हैं। लोग इसे लाइलाज बीमारी मानते हैं, जबकि डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक यह एक कॉस्मेटिक प्रॉब्लम है और इसका इलाज बहुत हद तक मुमकिन है।
इस बीमारी में बॉडी के किसी खास हिस्से का पिगमेंटेशन यानि ओरिजनल कलर खत्म होने लगता है और वहां पर व्हाइट पैचेस उभर आते है। विटिलिगो यानि सफेद दाग किसी को भी कभी भी हो सकते हैं।
कई लोग इसे छूत की बीमारी मानते है लेकिन ये सिर्फ एक कॉस्मेटिक बीमारी हैं लेकिन इसका इलाज सम्भव है।
विटिलिगो का कारण क्या है?
विटिलिगो का कारण पता लगाना मुश्किल होता हैं क्यूंकि विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है। ये रोग तब होता हैं जब आपका इम्यून सिस्टम में कुछ खराबी आने से आपके शरीर के कुछ हिस्से इससे प्रभावित हो जाते हैं। विटिलिगो के रोग में इम्यून सिस्टम त्वचा में मेलेनोसाइट्स को खत्म कर देता हैं जिसके कारण सफ़ेद पैच आ जाते हैं। व्यक्ति में एक से अधिक जीन भी इस विकार को उत्पन्न कर देते हैं। कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार विटिलिगो का कारण शरीर में मेलानोसाइट्स का स्वयं नष्ट हो जाना या अधिक सनबर्न होना हो सकता है।
विटिलिगो के लक्षण क्या हैं? शरीर की त्वचा पर सफेद पैच विटिलिगो का मुख्य लक्षण है। शरीर की त्वचा पर यह पैच उन भागों पर अधिक दिखाई देता है जहां सूरज किरणे पड़ती हैं जैसे हाथ, पैर, चेहरा और होंठ। अन्य लक्ष्ण बगल के आसपास, मुंह के आसपास, आंखें, नथुने, नाभि, गुप्तांग, गुदा क्षेत्र आदि के आस-पास सफ़ेद पैच होना। सिर के बालों का समयपूर्व भूरा होना। मुंह के अंदर रंग की कमी
ये हैं वजहें
- फैमिली हिस्ट्री, यानी अगर पैरंट्स सफेद दाग से पीड़ित रहे हैं तो बच्चों में इसके होने की आशंका रहती है। हालांकि ऐसे मामले 2 से 4 फीसदी ही होते हैं।
- एलोपेशिया एरियाटा यानी वह बीमारी, जिसमें छोटे-छोटे गोले के रूप में शरीर से बाल गायब होने लगते हैं।
- सफेद दाग मस्से या बर्थ मार्क से। मस्सा या बर्थ मार्क बच्चे के बड़े होने के साथ-साथ आसपास की स्किन का रंग बदलना शुरू कर देता है।
- केमिकल ल्यूकोडर्मा यानी खराब क्वॉलिटी की चिपकाने वाली बिंदी या खराब प्लास्टिक की चप्पल इस्तेमाल करने से।
- ज्यादा केमिकल एक्सपोजर यानी प्लास्टिक, रबर या केमिकल फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों को खतरा ज्यादा। कीमोथेरपी से भी इसकी आशंका रहती है।
- थाइरॉयड संबंधी बीमारी होने पर।
तांबे के बर्तन में पीएं पानी
तांबा तत्व, त्वचा में मेलेनिन के निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है। इसके लिए तांबे के बर्तन में रातभर पानी भरकर रखें और सुबह खाली पेट पिएं। बरसों पुराना यह तरीका मेलेनिन निर्माण में सहायक है।
*Dr.ved's LEUCO oIL* यह त्वचा को पुन: वर्णकता प्रदान करने में सहायक है साथ ही त्वचा के लिए बेहतर। इसमें जीवाणुरोधी और संक्रमण विरोधी गुण भी पाए जाते हैं। प्रभावित त्वचा पर दिन में 2 से 3 बार DR.ved's LEUCO OIL से मसाज करना फायदेमंद साबित हो चुका है। इसी कंपनी की LEUCO DROP's का दस बूंद सुबह और शाम को आधा कप पानी में मिलाकर पीने से रोग काफी कम समय में समाप्त हो जाती है।