अयोध्या । देश की सर्वोच्च अदालत से अयोध्या के राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद से अब राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख को लेकर अटकलों का बाजार गरम है। रामनगरी के अधिसंख्य संतों की राय है कि दो अप्रैल को रामनवमी के दिन जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास किया जाना उपयुक्त होगा।
राममंदिर निर्माण जैसा शुभ कार्य शुरू किए जाने के लिए 30 जनवरी को पड़ रही बसंत पंचमी को उपयुक्त माना जा रहा है, पर मौजूदा परिस्थितियों में 30 जनवरी तक मंदिर का शिलान्यास संभव नहीं है। यह उम्मीद जरूर की जा रही है कि बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मंदिर निर्माण के लिए शासकीय न्यास का गठन संभावित है। शासकीय न्यास के गठन के बाद मंदिर की रूपरेखा तय करने और शिलान्यास की अन्य तैयारियों के क्रम में कुछ वक्त और लगेगा। ऐसे में यह समीकरण पुष्ट होता जा रहा है कि शिलान्यास दो अप्रैल यानी रामजन्मोत्सव के दिन संभावित है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद के संयोजन में देशव्यापी राममहोत्सव भी मनाया जा रहा है।
रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास तो अभी से ही मंदिर का शिलान्यास दो अप्रैल को होने की घोषणा भी करने लगे हैं। उनका कहना है यह अवसर मंदिर के शिलान्यास के लिए अत्यंत उपयुक्त भी होगा।
अयोध्या में रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे साकेतवासी महंत रामचंद्रदास परमहंस के शिष्य एवं दिगंबर अखाड़ा के वर्तमान महंत सुरेशदास गत नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के साथ ही मंदिर निर्माण की शुरुआत के लिए राम जन्मोत्सव का मुहूर्त सुझाया था और अब वे पूरे विश्वास से मंदिर का शिलान्यास रामजन्मोत्सव से शुरू होने की उम्मीद जता रहे हैं।
अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास रामायणी को भी यह भरोसा हो चला है कि राम जन्मोत्सव के दिन से मंदिर निर्माण की शुरुआत होगी। उनका कहना है कि मंदिर निर्माण की शुरुआत के लिए यह अत्यंत सुखद योग है और मंदिर की अनुरागी जिस सरकार के मार्गदर्शन में यह होना है, वह इस योग को जाया नहीं जाने देगी। बचपन ट्रस्ट के अध्यक्ष भागवदाचार्य पं. राधेश्याम शास्त्री के अनुसार सनातन परंपरा में चैत्र शुक्ल नवमी यानी राम जन्मोत्सव का अवसर अत्यंत पवित्र रहा है। इस दिन भगवान राम का प्राकट््य तो हुआ ही, रामकथा की अमर गाथा रामचरितमानस का प्रकाशन हुआ। मंदिर आंदोलन से जुड़े गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत ङ्क्षसह का भी मानना है कि शासकीय न्यास राम जन्मोत्सव के दिन मंदिर निर्माण शुरू करने की अपेक्षा से पूरा न्याय करेगा।
रमेशदास ने शुरू की तैयारी
अयोध्या नगरनिगम परिक्षेत्र के जिस वार्ड में रामजन्मभूमि परिसर स्थित है, उस वार्ड के पार्षद पुजारी रमेशदास ने भी राम जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर का शिलान्यास होने की अपेक्षा के साथ तैयारी शुरू कर दी है। हर दिन सुबह तीन घंटे तक निर्माणाधीन मार्गों का नियमित जायजा लेते हैं, जो राम मंदिर से जुड़ते हैं। रमेशदास कहते हैं, शिलान्यास होते ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा और इनके लिए बुनियादी सुविधा मुहैया कराना हमारी जिम्मेदारी बनती है।
योग लगन गृह वार तिथि सकल भए अनुकूल
राम मंदिर के लिए लंबे समय से शास्त्रोक्त अनुष्ठान करते रहे पं. कल्किराम याद दिलाते हैं कि रामजन्म के अवसर के बारे में कहा गया है, योग लगन गृह वार तिथि सकल भए अनुकूल। यानी रामजन्मोत्सव का अवसर मंदिर के शिलान्यास के लिए हर ²ष्टि से अनुकूल होगा।
शिलान्यास के लिए अत्यंत शुभ योग
ज्योतिष गुरु एवं निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्रदास कहते हैं, दो अप्रैल को चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क राशि में होगा। भगवान राम की भी राशि कर्क थी। इस दिन कोई भी गृह वक्री अथवा अस्त नहीं है। जैसे यह योग रामलला के मंदिर का शिलान्यास करने के लिए ही विशेष रूप से उपलब्ध हुआ हो।
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या राम मंदिर विवाद पर फैसले के बाद से ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की कवायद जोर पकडऩे लगी है। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर के निर्माण की खातिर शिलान्यास को लेकर संत समाज ने दो तारीख सुझाई हैं। इनमें एक तो दो अप्रैल, 2020 प्रमुख है। दो अप्रैल, 2020 को रामनवमी है। रामनवमी यानी भगवान श्रीराम का जन्मदिन का दिन। वहीं, अखिल भारतीय संत समिति ने सर्वसम्मति ने राम मंदिर की नींव के लिए हिंदू नववर्ष (नव संवत्सर) का दिन सुझाया है। पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है, जो 2020 में 25 मार्च से शुरू होगा जबकि रामनवमी दो अप्रैल को है।
माना जा रही है कि इन दोनों तारीखों को लेकर संघ भी सहमत है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण का काम राम नवमी से शुरू होने की संभावना है। भगवान राम के जन्म उत्सव राम नवमी के दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है। अगर राम मंदिर निर्माण का कार्य रामनवमी यानी 2 अप्रैल, 2020 को शुरू होता है तो मंदिर निर्माण में करीब चार वर्ष लगेंगे, जिसका मतलब है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले तैयार हो जाएगा।
प्रक्रिया में ट्रस्ट का गठन
अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार को 3 महीने के भीतर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाना होगा। मालूम हो, तकरीबन 40 दिनों तक लगातार चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गत नौ नवंबर को अयोध्या विवाद मामले में रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया था।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए रामनवमी को बेहतर बताया है, क्योंकि राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की स्थापना के लिए तीन महीने की अवधि की समय सीमा फरवरी में समाप्त हो रही है और तब तक मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी। विहिप चाहती है कि मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी कार्य जनवरी में मकर संक्रांति से शुरू हो जाएं।अयोध्या के कारसेवकपुरम में कार्यशाला में राम मंदिर निर्माण से जुड़ी तैयारी 65 फीसदी पूरी हो चुकी है। शेष कार्य भी अंतिम चरण में है। गुजरात और राजस्थान के कारीगर अयोध्या के कारसेवकपुरम् में चल रही कार्यशाला में जुटे है। मंदिर के पूर्ण निर्माण के लिए 1.25 लाख घन फुट पत्थर की नक्काशी की गई है और पूरे मंदिर के निर्माण के लिए 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी। राम मंदिर का मॉडल अयोध्या में कारसेवकपुरम में रखा गया है, जिसके अनुरूप ही प्रस्तावित राम मंदिर का निर्माण किया जाना है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर 106 खंभे वाला एक दो मंजिला मंदिर होगा। जिसके गर्भगृह में प्रभुराम विराजमान होंगे। प्रस्तावित मंदिर का मॉडल वर्ष 2001 में अयोध्या लाया गया है। संभावना है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य को 2024 से पहले पूरा कर लिया जाएगा।