मेरठः सीएए विरोधी हिंसा में उपद्रवियों की गोलियों से मारे गए थे छह लोग

मेरठः   20 दिसंबर 2019 के उपद्रव में छह लोगों की मौत उपद्रवियों की गोलियों से हुई थी। यह खुलासा बुधवार को पुलिस ने किया है। पुलिस ने उपद्रव करने के तीन आरोपियों को हत्या का आरोपी बनाया है। जिनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 


 

पुलिस ने इस मुकदमे में पर्चा भी काट दिया है। आरोपियों से बरामद हथियारों से लोगों की जान जाना बताया। इन हथियारों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है।
 
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में 20 दिसंबर 2019 को लिसाड़ी गेट और हापुड़ रोड क्षेत्र में हिंसा हुई थी। जिसमें आसिफ, मोहसिन, अलीम, आसिफ, जहीर और हबीब की मौत हुई थी। पुलिस का उपद्रवियों की गिरफ्तारी करने का अभियान चल रहा है। 

25 दिसंबर को पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में तीन लोग पुलिस पर गोलियां चलाते दिखाई दिए। जिनकी पहचान अनस, अनीस उर्फ खलीफा व नईम के रूप में हुई। पुलिस ने पहले अनस और फिर अनीस उर्फ खलीफा को गिरफ्तार किया।

अभी तक पुलिस पर सवाल उठ रहे थे कि हिंसा में छह लोगों की हत्या कैसे हुई। पीड़ित परिवार के लोग पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगा रहे थे। अनस के बाद अनीस उर्फ खलीफा से पूछताछ के बाद पुलिस ने खुलासा किया कि हिंसा के दौरान जिन लोगों ने पुलिस को निशाना बनाकर गोलियां चलाई थीं, उन गोलियों से इन छह लोगों की मौत हुई। 

पुलिस ने मुकदमे में अनस और अनीस को शामिल कर लिया है, जिसमें दोनों को हत्या से संबंधित धाराओं में आरोपी बनाया गया। इसके अलावा हिंसा में गोली चलाने वाले नईम और उसके अन्य साथी भी हत्या के आरोपी बनाए गए हैं।