नई दिल्ली। कितने लोगों को पता है कि जायद क्या होती है। सच्चाई तो यह है कि कृषि प्रधान देश में सरकारों ने भी सिर्फ रबी और खरीफ को याद रखा था, जायद भुला दिया था। जायद यानी खरीफ और रबी सीजन के बीच की फसलें जो न तो अधिक पानी मांगती है न खाद, फिर भी फसल लहलहाती हैं। अफसोस कि देश की लगभग 70 फीसद खेत इस दौरान खाली पड़े रहते हैं। बिहार और पश्चिम बंगाल में धान की खेती के बाद तकरीबन 10 लाख हेक्टेयर खेत परती पड़े रहते हैं। न तो किसान जागते हैं और न ही सरकार। अब सरकार जागी है और किसानों को जगाने का फैसला किया गया है। पहली बार जायद सीजन की फसलों की तैयारी के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें सभी राज्यों के कृषि सचिवों और अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। किसानों को जानकारी से लेकर बीज तक उपलब्ध कराए जाएंगे। जाहिर तौर पर 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने में भी इसका बड़ा हाथ होगा।