एक गिलोय जो रोगों को आसानी से दूर करता है


 
आज के जीवन काल में प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी रोग से ग्रसित है। रोग को दूर करने के लिए कई रुपए भी खर्च हो जाते हैं। आज हम जानते हैं एक आयुर्वेदिक इलाज जिससे कई रोग को बिना खर्चे के सही कर सकते हैं। पिछले दिनों जब स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ा तो लोग आयुर्वेद की शरण में पंहुचे। इलाज के रूप में गिलोय का नाम खासा चर्चा में आया। गिलोय या गुडुची, जिसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है, का आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसे अमृत आयुर्वेद भी कहा जाता है। हो सकता है आपने गिलोय की बेल देखी हो लेकिन जानकारी अभाव में उसे पहचान नहीं पाए हों। गिलोय बेल के रूप में बढ़ती है और इसकी पत्त‍ियां पान के पत्ते की तरह होती हैं। गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसके तनों में स्टार्च की भी अच्छी मात्रा होती है।


गिलोय के इन फायदों को जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे: 


1. अगर आपको एनीमिया है तो गिलोय के पत्तों का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। गिलोय खून की कमी को दूर करने में सहायक है। इसे घी और शहद के साथ मिलाकर लेने से खून की कमी दूर होती है।


2. कुछ लोगों को पैरों में बहुत जलन होती है। कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी हथेलियां हमेशा गर्म बनी रहती हैं। ऐसे लोगों के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद है। गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर उसका पेस्ट तैयार कर लें और उसे सुबह-शाम पैरों पर और हथेलियों पर लगाएं।


3. पीलिया के मरीजों के लिए गिलोय लेना बहुत ही फायदेमंद है। कुछ लोग इसे चूर्ण के रूप में लेते हैं तो कुछ इसकी पत्त‍ियों को पानी में उबालकर पीते हैं। अगर आप चाहें तो गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं। इससे पीलिया में फायदा होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।


4. खांसी से आराम पाने के लिए गिलोय का काढ़ा बनाकर शहद के साथ उसका सेवन करें। इसे दिन में दो बार खाने के बाद लेना ज्यादा फायदेमंद रहता है।


5. अस्थमा से बचाव के लिए गिलोय चूर्ण में मुलेठी चूर्ण मिलाकर शहद के साथ दिन में दो बार इसका सेवन करें। यह मिश्रण सांसो से जुड़ी अन्य समस्याओं से आराम दिलाने में भी कारगर है।