लखनऊ। 5-8 फरवरी तक होने वाले डिफेंस एक्सपो में चीन व पाकिस्तान से कोई भी प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं है। डिफेंस एक्सपो से जुड़ी साइट पर भी इन दोनों देशों से जुड़ी किसी भी युद्ध सामग्री के निर्माण से जुड़ी किसी भी कंपनी ने आयोजन में हिस्सेदारी को अब तक पंजीयन नहीं कराया है।
जानकारों की मानें तो चीन के दबाव में ही पाकिस्तान ने भी इसमें हिस्सेदारी करने से हाथ खींच लिए हैं जबकि बाकी सभी सार्क देशों व भारत के पड़ोसी देश के रक्षा मंत्री सहित सैन्य व राजनयिक अधिकारी डेलीगेट्स में शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय से मिली फाइनल सूची, तैयारियां तेज
रक्षा व विदेश मंत्रालय के स्तर से डिफेंस एक्सपो में आने वाले विदेशी अतिथियों की फाइनल सूची मिलने के साथ ही जिला प्रशासन इनको प्रोटोकाल के तहत राज्य अतिथि का दर्जा देने के साथ उनकी आवभगत की तैयारी में जुट गया है।
विदेशी डेलीगेट्स में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, इजरायल यूएई, थाइलैंड, उत्तर व दक्षिण कोरिया संयुक्त अरब अमीरात, ईरान व इराक, ब्राजील, नेपाल, श्रीलंका, थाइलैंड, धाना, सूडान मैक्सिको, कतर, अफगानिस्तान सहित 54 देशों के आला प्रशासनिक व सैन्य अफसर शामिल होंगे। इस दौरान यह विदेशी प्रतिनिधिमंडल, देश की सैन्य ताकत देखने के साथ ही वैश्विक स्तर पर युद्ध सामग्री व साजो-सामान बनाने वाली देश-विदेश की हथियार बनाने वाली कंपनियों की प्रदर्शनी को देखेगा।
सौ से ज्यादा लोगों को मिलेगा राज्य अतिथि का दर्जा
राज्य अतिथि का दर्जा पाने वाले आमंत्रित अतिथियों में से कुछ को प्रशासन लाइजनिंग अफसर की सुविधा तक दिलवाएगा। आयोजन के दौरान प्रशासन शहर में जुटने वाली देश विदेश से जुड़ी नामचीन हस्तियों की सेहत का ध्यान रखने के भी पुख्ता इंतजाम रखेगा।
इसके लिए 4 से 9 फरवरी तक शहर के सभी प्रमुख सरकारी व निजी अस्पतालों में एलर्ट जारी करते हुए किसी भी स्तर की इमरजेंसी से निपटने को पांच से दस आईसीयू बेड भी आरक्षित रखे जाने का निर्देश सीएमओ के साथ संबंधित अस्पतालों के सीएमएस को दिया गया है।