चेन्नई । दक्षिण भारत के तमिल सुपरस्टार रजनीकांत के पेरियार पर किए गए एक दावे से तमिलनाडु की राजनीति में घमासान मच गया है। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है, हालांकि रजनीकांत अपनी बात पर अडिग हैं और उन्होंने माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है। रजनीकांत ने मीडिया से चर्चा में कहा कि उन्होंने जो पेरियार के बारे में जो कहा, वह बिल्कुल सत्य है और रिपोर्ट पर आधारित है इसलिए वह माफी नहीं मांगेंगे।
मालूम हो कि पिछले हफ्ते एक तमिल पत्रिका को दिए इंटरव्यू में रजनीकांत ने दावा किया था कि पेरियार ने 1971 में सलेम में एक रैली निकाली थी जिसमें भगवान राम और सीता की वस्त्रहीन तस्वीरों को लगाया गया था। रजनीकांत के बयान से आपत्ति जताते हुए द्रविदार विधुतलाई कझगम के सदस्यों ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। कझगम की शिकायत में रजनीकांत के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी।
रजनीकांत ने तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके पर निशाना साधा था। रजनी ने द्रविड़ आंदोलन के जनक कहे जाने वाले एम करुणानिधि और पेरियार पर टिप्पणी की थी। सुपरस्टार ने कहा था कि पेरियार हिंदू देवताओं के कट्टर आलोचक थे लेकिन उस समय किसी ने पेरियार की किसी ने आलोचना नहीं की। रजनीकांत ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'पेरियार की रैली के विषय जो मैंने कहा कि वह बिल्कुल सच था।' रजनीकांत ने कहा कि वह रिपोर्ट के आधार पर है और उस दौर के कई अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा था। उन्होंने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे।