आधासीसी या माइग्रेन

आधासीसी (माइग्रेन) 
परिचय :
          जब मनुष्य के सिर के आधे भाग में दर्द हो और आधे भाग में दर्द न हो तो उसे आधासीसी या माईग्रेन कहते हैं।


विभिन्न भाषाओं में नाम :
हिन्दी आधा कपाल, आधासीसी
अंग्रेज़ी हेमिक्रेनिया
अरबी आधा कपालि नूरार विश
बंगाली आधा कपाली
गुजराती आधा शीशी
कन्नड अरेतले नोवु
मलयालम ओरचेनी कुटटु
मराठी अरधशीशी
उड़ीया अधा कपाली
तमिल ओत्रयथथलइवली
तेलगु अरतला नोप्पि
कारण :


          मानसिक व शारीरिक थकावट, अधिक गुस्सा करना, चिन्ता करना, आंखों का अधिक थक जाना, अत्यधिक रूप से भावनाओं में बहकर भावुक होना, भोजन का न पचना, किसी तरल पदार्थ को पीने से एलर्जी होना आदि माइग्रेन रोग के कारण हैं। प्रमेह (वीर्य विकार) और मधुमेह (शुगर) के रोगियों को भी यह रोग होता है।


लक्षण :


          माइग्रेन रोग से पीड़ित रोगी को सुबह उठते ही चक्कर आने लगते हैं, आंखों के सामने अंधरा-सा छा जाता है। सर्दी का लगना, अरुचि पैदा होना, जी मिचलना, उल्टी होना आदि अनेक लक्षण आधासीसी रोग के हैं। इस रोग से पीड़ित रोगी का चेहरा फीका पड़ जाता है और वह उदास रहता है।


भोजन तथा परहेज :


लगभग 70 प्रतिशत फल, सब्जियां, अंकुरित दाल और 30 प्रतिशत अन्न उचित मात्रा में लेना आधासीसी के रोगी के लिए लाभकारी होता है।
बासी भोजन, डिब्बा बन्द, तले हुए मांसाहारी व्यंजन, मिठाइयां और मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
रात को देर से भोजन नहीं करना चाहिए।
स्टार्च, प्रोटीन और अधिक चिकनाई वाला भोजन नहीं करना चाहिए।
भोजन करते समय बीच-बीच में शराब आदि पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
चाय, कॉफी, चॉकलेट, कोकोआ और ऐल्कोहल का प्रयोग नहीं करना चाहिए और धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
विभिन्न औषधियों से उपचार-


1. लहसुन :


30 ग्राम लहसुन को पीसकर रस निकाल लें और इसमें लगभग आधा ग्राम हींग मिलाकर 1-1 बूंद नाक में डालें। इससे आधासीसी का दर्द खत्म होता है और रोगी को चक्कर आना आदि में आराम मिलता है।
लहसुन का रस नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द दूर होता है।
2. रीठा :


रात को रीठे की छाल को पानी में डालकर रख दें और सुबह इसे मसलकर छानकर एक-एक बूंद नाक में डालें। इससे आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है।
रीठा का चूर्ण सूंघने से आधासीसी का दर्द खत्म हो जाता है।
3. दूध :


सूर्योदय से पहले गर्म दूध के साथ जलेबी या रबड़ी खाने से आधाशीशी (आधे सिर का दर्द) ठीक होता है।
मेवा में चीनी मिलाकर सेवन करने से आधासीसी (आधे सिर का दर्द) दूर होता है।
लगभग 50 मिलीलीटर बकरी के दूध में लगभग 50 मिलीलीटर भांगरे का रस मिलाकर धूप में गर्म होने के लिए रख दें और फिर इस दूध में लगभग 5 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सिर पर मलें। इससे आधे सिर का दर्द दूर होता है।
4. दही : ऐसा सिर दर्द जो सूर्य के साथ बढ़ता और घटता है। आधासीसी (आधे सिर का दर्द) के दर्द से पीड़ित रोगी को दही के साथ पका हुआ चावल खाना चाहिए। सुबह सूरज उगने के समय सिर दर्द शुरू होने से पहले चावल में दही मिलाकर खाना चाहिए।


5. आकड़ा : यदि दर्द सूर्योदय के साथ बढ़ता-घटता हो तो सुबह सूर्य निकलने से पहले एक बताशे पर 2 बूंद आकड़े का दूध टपकाकर खाना चाहिए।


6. मैनफल : मैनफल और मिश्री बराबर-बराबर लेकर थोड़े से गाय के दूध के साथ पीसकर सूर्योदय से पहले नस्य लेने से सूर्य उदय के साथ आरम्भ होने वाला सिर दर्द ठीक होता है।


7. गाजर : गाजर के पत्तों पर घी लगाकर हल्का सा गर्म करके पीसकर रस निकाल लें और इसमें से 2-2 बूंद-बूंद रस नाक में टपकाएं। यह आधाशीशी (माइग्रेन) के रोग को दूर करने में बेहद लाभकारी औषधि है।


8. अंगूर : आधा कप अंगूर का रस प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने से पहले पीने से आधे सिर का दर्द ठीक हो जाता है।


9. काली निर्गुण्डी : काली निर्गुण्डी के ताजे पत्तों के रस को हल्का गर्म करके 2-2 बूंद कान में डालने से आधे सिर का दर्द खत्म हो जाता है।


10. तिल :


लगभग 2 ग्राम तिल और लगभग 5 ग्राम वायबिडंग को पानी के साथ पीसकर सिर पर लेप करने से आधासीसी का दर्द खत्म हो जाता है।
काले तिल, बादाम, कच्ची हल्दी और आंवला 10-10 ग्राम लेकर इन सबको पानी के साथ पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है।
11. लौंग :


लगभग 5 ग्राम लौंग को पानी के साथ पीसकर हल्का गर्म करके कनपटियों पर लेप करने से आधे सिर का दर्द मिटता है।
लगभग 10 ग्राम लौंग और लगभग 10 ग्राम तंबाकू के पत्तों को पानी के साथ पीसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से आधासीसी का रोग दूर हो जाता है।
12. सूरजमुखी :


सूरजमुखी के पत्तों के रस में सूरजमुखी के बीजों को खरल करके मस्तक पर 2-3 दिन तक लेप करने से आधाशीशी का दर्द समाप्त होता है।
लगभग 5 ग्राम सूरजमुखी के बीजों को लगभग 10 ग्राम सूरजमुखी के फलों के रस में पीसकर माथे पर लेप की तरह लगाने से आधे सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
13. चावल : लगभग 25 ग्राम चावल की खील में शहद मिलाकर सुबह सूर्य निकलने से पहले      पीने से आधे सिर दर्द में आराम मिलता है।


14. सौंफ : लगभग 5 ग्राम सौंफ और लगभग 5 ग्राम धनिये को पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर इसमें 5 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में 3 बार 3-3 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।


15. चित्रक : चित्रक, पुष्कर की जड़ और शुंठी 10-10 ग्राम लेकर चूर्ण बनाकर लगभग 1 ग्राम चूर्ण पेड़े (मिठाई) के साथ खाएं। इससे सिर का दर्द खत्म हो जाता है।


16. बादाम : लगभग 10 दाने कागजी बादाम, लगभग 10 ग्राम पोस्त (खस-खस) और लगभग 5 दाने छुहारे को पानी में डालकर रख दें। सुबह इस मिश्रण को घी में डालकर हलवे की तरह पकाएं और इसमें मिश्री 100 ग्राम, 10 लौंग और 5 इलायची का चूर्ण बनाकर मिलाकर सुबह-शाम देने से आधासीसी का दर्द खत्म हो जाता है।


17. कालीमिर्च :


आधे सिर दर्द से पीड़ित रोगी को 10 ग्राम कालीमिर्च चबाकर खाना चाहिए और ऊपर से 25 ग्राम देशी घी का सेवन करना चाहिए।
लगभग 10 कालीमिर्च और लगभग 10 ग्राम मिश्री के चूर्ण को पानी के साथ सुबह-शाम आधासीसी के रोगी को लेना चाहिए।
18. नौसादर :


10 ग्राम नौसादर और 1 ग्राम कपूर को पीसकर चुटकी में लेकर सूंघने से आधासीसी (आधे सिर का दर्द) का दर्द ठीक हो जाता है।
नौसादर और कुटकी को पीसकर पानी में मिलाकर माथे पर लेप की तरह लगाने से आधासीसी का दर्द दूर होता है।
नौसादर और बड़ी इलायची के छिलके को महीन पीसकर जिस ओर सिर दर्द हो उस ओर के नाक के छेद से सूंघें।
लगभग 10-10 ग्राम नौसादर और हल्दी को पीसकर सूंघने से आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है।
19. वायविडंग : वायविडंग से निकाले हुए तेल को सूंघने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है। इसको नियमित 3-4 बार सूंघना चाहिए।


20. राई :


राई और कबूतर की बीट को पीसकर सिर पर जहां दर्द हो वहां लेप करना चाहिए। इससे दर्द में तुरन्त आराम मिलता है।
राई को पीसकर कनपटी पर लेप की तरह लगाने से आधे सिर का दर्द खत्म हो जाता है।
21. सोंठ :


लगभग 10 ग्राम सोंठ के चूर्ण को लगभग 60 ग्राम गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर सुबह-शाम खाने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
सोंठ को पानी में पीसकर गर्म करके सिर पर लेप करने या सूंघने से आधे सिर का दर्द या पूरे सिर का दर्द समाप्त हो जाता है।
22. घी :


माईग्रेन से पीड़ित रोगी को सुबह-शाम घी सूंघना चाहिए। सिर दर्द गर्मी से हो तो ठंड़ा और बादी का हो तो गर्म घी से सिर की मालिश करनी चाहिए।
2 चम्मच गाय के घी में आधा ग्राम कलमीशोरा पीसकर मिलाकर सूंघने से आधे सिर का दर्द दूर हो जाता है।
गाय के घी में कालीमिर्च को पीसकर मिला लें और दाईं ओर दर्द होने पर बाईं ओर से सूंघना और बाईं ओर दर्द होने पर दाईं ओर से सूंघना चाहिए।
23. चकवड़ (पंवार) : चकबड़ के बीजों को कांजी में पीसकर लेप की तरह सिर पर लगाने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।


24. पोस्ता : आधासीसी के दर्द से पीड़ित रोगी को पोस्ता के काढ़े का सेवन करना चाहिए।


25. कस्तूरी : आधासीसी के रोगी को जबादकस्तूरी सूंघाना चाहिए।


26. केसर : केसर और चीनी को घी में भूनकर सूंघने से आधे सिर के दर्द में बहुत लाभ मिलता है।


27. अपराजिता :


अपराजिता के बीजों का रस निकालकर 4-4 बूंद नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द मिटता है।
अपराजिता के बीज और जड़ समान मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर नस्य लेने से आधासीसी दूर होता है।
श्वेत अपराजिता की जड़ का रस निकालकर सूंघने से आधे सिर का दर्द दूर होता है।
28. नकछिकनी : नकछिकनी का रस या चूर्ण बनाकर सूंघने पर छींक आकर आधे सिर का दर्द समाप्त हो जाता है।


29. सेब : नियमित सुबह खाली पेट आधा सेब खाने से आधासीसी का दर्द हमेशा के लिए चला जाता है।


30. हींग : हींग को पानी में घोलकर सूंघने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।


31. शहद :


सूर्य निकलने के साथ दर्द का बढ़ना और सूर्य डूबने के साथ सिर दर्द का कम होना। ऐसे सिर दर्द में जिस ओर के सिर में दर्द हो उसके दूसरे ओर की नाक के नथुने में एक बूंद शहद डालना चाहिए। इससे सिर के दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
प्रतिदिन भोजन करते समय 2 चम्मच शहद लेने से आधे सिर का दर्द दूर होता है।
32. गुड़ : लगभग 12 ग्राम गुड़ को लगभग 6 ग्राम देशी घी के साथ मिलाकर खाने से आधासीसी ठीक हो जाता है।


33. आक :


जंगली कण्डों की राख को आक के दूध में भिगोकर छाया में सुखा लें और एक चौथाई ग्राम की मात्रा में सूंघें। इससे छींके आकर सिर का दर्द दूर होता है और जुकाम व बेहोशी दूर होती है।
आक की जड़ को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें और इस 10 ग्राम चूर्ण में 7 इलायची और कपूर व पिपरमिंट आधा-आधा ग्राम मिलाकर खूब खरलकर शीशी में भर करके रख लें। यह चूर्ण सूंघने से छींके आकर व कफस्राव होकर आधे सिर का दर्द समाप्त हो जाता है।
अनार की छाल को बारीक पीसकर 40 ग्राम की मात्रा में आक के दूध में गूंथकर रोटी की तरह हल्की आंच पर पका लें और फिर इसे सुखाकर बहुत महीन पीसकर रख लें। इसमें जटामांसी व छरीला 3-3 ग्राम, इलायची और कायफल 1.5 ग्राम पीसकर मिलाकर नस्य लें। इसके नस्य लेने से कुछ देर बाद छींके आकर दिमाग का नजला निकलकर आधे सिर का दर्द समाप्त होता है।
34. अपामार्ग : अपामार्ग के बीजों के चूर्ण को सूंघने से आधासीसी और दिमाग की कमजोरी दूर होती है। इस चूर्ण को सूंघने से मस्तक के अन्दर जमा हुआ कफ पतला होकर नाक के द्वारा निकल जाता है और कीड़े मरकर निकल जाते हैं।


35. अरहर : अरहर के पत्तों का रस तथा दूब (दूर्वा घास) का रस एक साथ मिलाकर नस्य लेने से आधासीसी का दर्द ठीक होता है।


36. तुलसी :


चौथाई चम्मच तुलसी के पत्तों का चूर्ण शहद के साथ सुबह-शाम दिन में 2 बार चाटने से आधासीसी का दर्द नष्ट हो जाता है।
यदि आधे सिर में दर्द हो जो सूरज के साथ घटता-बढ़ता हो तो चौथाई चम्मच तुलसी के बीज पीसकर शहद में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।
37. चीनी : यदि सिर दर्द सूर्य निकलने के साथ शुरू हो और सूर्य डूबने के साथ कम हो जाए तो ऐसे सिर दर्द में सूर्य निकलते समय सूर्य के सामने खड़े होकर लगभग 150 मिलीलीटर पानी में 60 ग्राम चीनी मिलाकर धीरे-धीरे पीएं। इससे आधे सिर का दर्द समाप्त होता है।


38. नारियल : लगभग 2-3 बूंद नारियल का पानी नाक में टपकाने से आधासीसी का दर्द ठीक हो जाता है। 


39. अदरक :


अदरक और गुड़ की पोटली बनाकर रस को नाक में डालने से आधासीसी का दर्द समाप्त होता है।
आधे सिर में दर्द होने पर नाक में अदरक का रस टपकाने से बहुत लाभ मिलता है।
आधासीसी का कष्ट यदि अपच के कारण उत्पन्न हुआ हो तो सोंठ को पानी के साथ पीसकर लुगदी बनाकर हल्का-सा गर्म करके पीड़ित स्थान पर लेप करें। इस प्रयोग के आरम्भ में हल्की-सी जलन प्रतीत होती है जो बाद में शीघ्र ही ठीक हो जाती है। यदि जुकाम से सिरदर्द हो तो सोंठ को गर्म पानी में पीसकर सर पर लेप करें और पिसी हुई सोंठ का चूर्ण सूंघें।
40. अगस्ता : सिर के जिस ओर दर्द हो उसके दूसरे ओर के नथुने में अगस्त के पत्तों या फूलों का रस 2-3 बूंदे टपकाएं। इससे आधे सिर का दर्द व नाक की पीड़ा भी शान्त होती है।


41. सरसों का तेल : सिर के जिस हिस्से में दर्द हो उस नथुने में आठ बूंद सरसों का तेल डालकर सूंघने से आधे सिर का दर्द जल्दी बन्द हो जाता है इसका इस्तेमाल 4-5 दिन करना चाहिए।


42. करंज :


लता करंज के बीजों की गिरी, तेजपात, बच और चीनी बराबर मात्रा में लेकर एक साथ खरल करके बारीक पॉउडर बना लें। इस पॉउडर को नाक से नस्य लेने से छींके आकर आधे सिर का दर्द तुरन्त ठीक हो जाता है।
लता करंज के बीजों को पानी में पीसकर थोड़ा गुड़ मिलाकर गर्म करके जिस ओर सिर में दर्द हो रहा हो उसके विपरीत नाक के नथुने में 1 से 2 बूंद टपकाएं और फिर आधे घंटे के बाद दूसरे नाक के नथुने में टपकाएं। ऐसा कुछ दिन करने से आधे सिर का दर्द पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है।
43. गुलाब  :


सिर दर्द या आधाशीशी (आधे सिर का दर्द) के दर्द में 2 दाने इलायची, 1 चम्मच मिश्री और 10 ग्राम गुलाब की पत्तियों को पीसकर सुबह खाली पेट पीने से लाभ मिलता है।
1 ग्राम नौसादर को 12 ग्राम गुलाबजल में मिला लें और आधे सिर के दर्द से पीड़ित रोगी की नाक में 4-5 बूंदें डाल लें। इससे आधे सिर का दर्द तुरन्त बन्द हो जाता है।
44. अमरूद :


आधे सिर के दर्द में कच्चे अमरूद को सुबह पीसकर लेप बनाकर सिर पर लगाने से लाभ मिलता है।
हरे कच्चे अमरूद को थोड़े-से पानी के साथ पत्थर पर पीसकर सुबह के समय माथे पर जहां दर्द हो वहां लेप करें। इससे 2-3 घंटों में ही आधासीसी का दर्द मिटता है।
45. भांगरा : भांगरा के रस और बकरी का दूध समान भाग लेकर गर्म करके नाक में टपकाने से और भांगरा के रस में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर लेप करने से आधासीसी का दर्द मिटता है।


46. पवांड़ (चक्रमर्द) : लगभग 20 से 25 ग्राम चक्रमर्द के बीजों को कांजी में पीसकर माथे पर लेप करने से आधे सिर का दर्द ठीक हो जाता है।


47. नमक : नमक और शहद आधा-आधा चम्मच मिलाकर चाटने से आधे सिर का दर्द (आधी शीशी का दर्द) में लाभ मिलता है।